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26 January 2023

Thursday, January 26, 2023

WE CELEBRATE 74TH REPUBLIC DAY OF INDIA


74th Republic Day Of India


74th Republic Day Of India


आज के लेख में हम भारत के महत्वपूर्ण पर्वों में से एक, गणतंत्र दिवस पर विस्तार पूर्वक चर्चा करेंगे। गणतंत्र दिवस भारत के तीन महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पर्वों में से एक है, इसलिए सभी को इस विषय के बारे में सम्पूर्ण जानकारी होनी चाहिए। आशा करते हैं कि हमारा यह लेख इस विषय की अतिरिक्त जानकारी हासिल करने में आपकी सहायता करेगा।

एकजुट है हम एकता हमारा अभिमान है,

वीर शहीदों के बलिदान को प्रणाम है,

गर्व से कहो हम हिंदुस्तान की संतान है।।


प्रस्तावना

गणतंत्र दिवस भारत के सबसे महत्वपूर्ण तीन राष्ट्रीय पर्वों (गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस और गाँधी जयंती) में से एक है, यही कारण है कि इसे हर जाति तथा संप्रदाय द्वारा काफी सम्मान और उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस विशेष दिन को देश भर में काफी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। 26 जनवरी के दिन मनाये जाने वाले गणतंत्र दिवस के पर्व पर पूरे देश भर में परेड तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

भारतीय गणतंत्र दिवस सभी भारतीयों के लिए बहुत ही खास अवसर होता है, क्योंकि यह दिन हमें अपने देश में स्थापित गणतंत्र और संविधान के महत्व समझाता है। अतः यह और भी आवश्यक हो जाता है कि इस विशेष दिन को हम उचित सम्मान दें और इसे साथ मिलकर मनाये, ताकि हमारे देश की एकता और अखंडता जिसके लिए कई वीरों ने अपने प्राणों की आहुति दी है, इसी प्रकार से बनी रहे।


गणतंत्र का अर्थ

सभी अधिकारों का रक्षक अपना यह गणतंत्र पर्व है,

लोकतंत्र ही मंत्र हमारा हम सबको इस पर ही गर्व है।।

गणतंत्र को लोकतंत्र, जनतंत्र व प्रजातंत्र भी कहते हैं, जिसका अर्थ है – प्रजा का राज्य या प्रजा का शासन। जिस दिन देश का संविधान लागू हुआ था, उसी दिन के महत्त्व को समझते हुए उसी दिन को गणतंत्र दिवस कहा गया। हमारे देश का संविधान 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ था, इसीलिए इस तारीख को ही गणतंत्र दिवस कहा गया।

सन् 1946 से संविधान बनाना शुरू हो गया था और दिसम्बर सन् 1949 में बनकर तैयार हो गया था। इस संविधान को 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया था। तभी से हर साल 26 जनवरी, हमारे देश में गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।


गणतंत्र दिवस मनाने का कारण

जब भारत के आज़ाद होने के बाद भी भारत पर किसी और देश का संविधान लागू था, और सभी उसी के आधार पर शासन चला रहे थे। लेकिन देश के कुछ महान लोगों को आभास हुआ की देश की प्रगति के लिए अपना सविधान होना अति आवश्यक है। अतः कुछ महान विद्वानों की देख रेख में भारत का अपना संविधान लिखा गया और 26 जनवरी, 1950 से इसे लागू किया गया।

केवल सविधान को लागू करना 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाने का एकमात्र कारण नहीं है। हालांकि इसके अलावा इस दिन का एक और इतिहास भी है, जिसे शायद बहुत कम लोग जानते हैं, इस दिन, लाहौर में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में पंडित नेहरु की अध्यक्षता में कांग्रेस द्वारा इस बात की घोषणा की गई थी कि यदि 26 जनवरी 1930 तक भारत को स्वायत्त शासन अर्थात स्व-शासित राज्य (Dominion State) नहीं बनाया गया तो इसके बाद भारत अपने आप को पूर्णतः स्वतंत्र मान लेगा।

लेकिन, जब यह दिन आया और अंग्रेजी सरकार द्वारा इस मुद्दे पर कोई जवाब नही दिया गया तो कांग्रेस ने उस दिन से पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्ति के लक्ष्य से अपना सक्रिय आंदोलन आरंभ कर दिया। यही कारण है कि जब हमारा देश आजाद हुआ तो 26 जनवरी का दिन ही संविधान स्थापना के लिए चुना गया। और फिर गणतंत्र दिवस के लिए भी इसी दिन का चुनाव हुआ।


गणतंत्र दिवस का इतिहास

भारतीय गणतंत्र दिवस का इतिहास बहुत ही रोचक है, इसकी शुरुआत तब हुई, जब सन् 1929 में लाहौर में पंडित जवाहर लाल नेहरु की अध्यक्षता में हुए काग्रेंस अधिवेशन के दौरान यह प्रस्ताव पारित किया गया कि यदि 26 जनवरी 1930 तक अंग्रेजी सरकार भारत को ‘डोमीनियन स्टेटस’ नही प्रदान करती तो भारत अपने आप को पूर्णतः स्वतंत्र घोषित कर देगा।

तब कांग्रेस ने पहली बार पूर्ण स्वराज की मांग रखी थी। इसके बाद जब 26 जनवरी 1930 तक अंग्रेजी हुकूमत ने कांग्रेस के इस मांग का कोई जवाब नही दिया। तो उस दिन से कांग्रेस ने पूर्ण स्वतंत्रता के निश्चय के लिए अपना संक्रिय आंदोलन आरंभ कर दिया।

तभी से हर साल 26 जनवरी को स्वाधीनता दिवस मनाया जाता था लेकिन 15 अगस्त, 1947 को देश के स्वतंत्र होने की वजह से 15 अगस्त को ही स्वाधीनता दिवस के रूप में मनाया जाने लगा था। लेकिन भारत सरकार 26 जनवरी की गरिमा को बनाये रखना चाहती थी, इसलिए 26 जनवरी, 1950 को संविधान लागू करने का निश्चय किया और फिर इस दिन हमारे देश में ‘भारत सरकार ने अधिनियम’को हटाकर भारत के संविधान को लागू किया, तब से इसी के उपलक्ष्य में हमारे देश के संविधान और गणतंत्र को सम्मान प्रदान करने के लिए हर वर्ष 26 जनवरी के दिन गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम मनाया जाता है।


भारत का राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस

वीर शहीदों ने देखा था जो सपना वो सच कर दिखाएंगे,

ऐसे हम स्वाभिमान से गणतंत्र दिवस मनाएंगे।।

 

गणतंत्र दिवस भारत के तीन राष्ट्रीय पर्वों में से एक है और यह कोई साधारण दिन नही है, यह वह दिन है जब हम कह सकते थे कि अब हमारा भारत देश पूर्ण रूप से स्वतंत्रता प्राप्त कर चूका है क्योंकि भले ही भारत 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हो गया था, लेकिन उसे हम पूर्ण स्वतंत्रता नहीं कह सकते थे क्योंकि उस समय भी हमारे देश में अंग्रेजों द्वारा बनाया गया ‘भारत सरकार अधिनियम’लागू था।

परन्तु जब 26 जनवरी 1950 के दिन ‘भारत सरकार अधिनियम’को हटाकर भारत के नवनिर्मित संविधान को लागू किया गया, तब हम अपने भारत को पूर्ण स्वतन्त्र कह सके। इसलिए 26 जनवरी के इस दिन की गरिमा को ध्यान में रख कर 26 जनवरी को भारत में गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।

इस दिन पूरे देश भर में राष्ट्रीय अवकाश रहता है, यहीं कारण है कि विद्यालय तथा कार्यलय जैसे कई जगहों पर इसके कार्यक्रम को एक दिन पहले ही मनाया जाता है। इस दिन विद्यालयों में मिठाइयों को बाँटने के साथ-साथ कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किये जाते हैं, जिससे इस दिन के इतिहास और महत्तव को आज की पीढ़ी तक आसानी से पहुँचाया जा सके। गणतंत्र दिवस का यह दिन एक ऐसा दिन होता है, जो हमें हमारे देश के संविधान का महत्त्व समझाता है, यही कारण है कि इस दिन को पूरे देश भर में इतने धूम-धाम से मनाया जाता है।


गणतंत्र दिवस के रोचक तथ्य

(i) इस दिन, पहली बार 26 जनवरी 1930 में पूर्ण स्वराज का कार्यक्रम मनाया गया। जिसमें अंग्रेजी हुकूमत से भारत को पूर्ण आजादी दिलाने के लिए शपत ली गई थी।

(ii) गणतंत्र दिवस परेड के दौरान, एक क्रिस्चियन ध्वनि बजाई जाती है, जिसका नाम “अबाईड वीथ मी” है क्योंकि यह ध्वनि महात्म गांधी की प्रिय ध्वनियों में से एक है।

(iii) भारत के पहले गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो थे।

(iv) गणतंत्र दिवस समारोह का राजपथ में पहली बार आयोजन वर्ष 1955 में किया गया था।

(v) भारतीय गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान भारत के राष्ट्रपति को 31 तोपों की सलामी दी जाती है।

(vi) इस बार 26 जनवरी, 2019 को पहली बार शंखनाद से समारोह का आगाज़ किया गया।


गणतंत्र दिवस का महत्त्व

(i) 26 जनवरी के दिन का हमारे जीवन में अत्याधिक महत्त्व है। गणतंत्रता दिवस का पर्व हमारे अंदर आत्मगौरव भरने का कार्य करता है तथा हमें पूर्ण स्वतंत्रता की अनुभूति कराता है। यही कारण है कि इस दिन को पूरे देश भर में इतने धूम-धाम तथा हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

(ii) गणतंत्रता दिवस भारत के सबसे महत्वपूर्ण तीन राष्ट्रीय पर्वों (गणतंत्रता दिवस, स्वतंत्रता दिवस और गाँधी जयंती) में से एक है। 

(iii) 26 जनवरी के दिन हमें हमारे संविधान का महत्व समझाता है। भले ही हमारा देश 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हो गया था, परन्तु इसे पूर्ण रुप से स्वतंत्रता की प्राप्ति 26 जनवरी 1950 को मिली जब सविधान लागू हुआ।

(iv) 26 जनवरी 1950 को जब हमारे देश का संविधान प्रभावी हुआ और हमारा भारत देश विश्व पटल पर एक गणतांत्रिक देश के रुप में स्थापित हुआ।

(v) आज के समय यदि हम स्वतंत्र रुप से कोई भी फैसला ले सकते हैं, तो ऐसा सिर्फ हमारे देश के संविधान और गणतांत्रिक स्वरुप के कारण संभव है।

(vi) हर जगह इसकी महत्ता अलग-अलग है। खासकर शिक्षण संस्थानों में इसे बहुत ही उत्साह पूर्वक मनाया जाता है। इस दिन शिक्षण संस्थानों में कई कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।

(vii) कई स्कूल जहाँ NCC (National Cadet Core) है, वहाँ इस दिन परेड भी होती है। कई छात्र और छात्राओं को पुरुस्कार तथा प्रमाण पत्र आदि से सम्मान किया जाता है।


गणतंत्र दिवस पर आयोजित समारोह

हाथ से हाथ मिलाएंगे और घर-घर तिरंगा फहराएंगे,

गर्व से हम गणतंत्र दिवस मनाएंगे।।


1. गणतंत्रता दिवस का समारोह हर साल 26 जनवरी को भारत सरकार द्वारा राष्ट्रिय स्तर पर दिल्ली में बड़ी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। इसके साथ ही गणतंत्रता दिवस के दिन किसी विशेष विदेशी अतिथि को आमंत्रित करने की भी प्रथा रही है। इस समारोह की तैयारियाँ भारत सरकार कई दिन पहले से ही शुरू कर देती है। गणतंत्रता दिवस से पहली संध्या को देश का राष्ट्रपति देश के नाम संदेश देता है। जिसका प्रसारण संचार के माध्यमों से किया जाता है।

2. गणतंत्रता दिवस का कार्यक्रम सुबह की शहीद ज्योति के अभिवादन से शुरू होता है, इसे देश के प्रधानमंत्री इण्डिया गेट पर प्रज्ज्वलित करके शहीद ज्योति का अभिनंदन करके देश के शहीदों को श्रद्धांजली अर्पित करते हैं।

3. उस स्थान पर प्रधानमंत्री और गणमान्य जन उनका हार्दिक स्वागत करते हैं। उसके बाद गणतंत्र दिवस की परेड का शुभारंभ किया जाता है जो बहुत ही दर्शनीय होती है। सेना के तीनों अंगों के जवानों के द्वारा अपने-अपने बैंडों की आवाज के साथ पद संचालन करते हुए तथा राष्ट्रपति को अभिवादन करते हुए परेड करते हैं।

4. इसके बाद युद्ध में प्रयुक्त होने वाले हथियारों की ट्रालियां आती हैं जो सेना में प्रयुक्त विविध रक्षा साधनों से सुसज्जित होती हैं। इसके बाद भारत की विभिन्न राज्यों को सम्बोधित कई तरह की सांस्कृतिक और पारंपरिक झांकिया निकाली जाती हैं, जो कि देखने में काफी मनमोहक होती हैं।

5. आखिर में वायु सेना के लड़ाकू विमान भी अपना अनुपम व विचित्र कौशल दिखाते हुए आकाश में विलीन हो जाते हैं। उक्त सारी सवारियाँ विजय चौक से शुरू होकर लाल किले तक पहुंचती हैं।

6. गणतंत्र दिवस समारोह का यह कार्यक्रम भारत की विदेश नीती के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस कार्यक्रम में आमंत्रित किये गये विभिन्न देशों के मुख्य अतिथियों के आगमन से भारत को इन देशों से संबंधों को बढ़ाने का मौका मिलता है।


उपसंहार

गणतंत्र दिवस का यह राष्ट्रीय पर्व हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि हमारे देश का संविधान तथा इसका गणतांत्रिक स्वरुप ही हमारे देश को कश्मीर से कन्याकुमारी तक जोड़ने का कार्य करता है। भारत की आजादी के साथ-साथ संविधान का होना बहुत ही जरूरी था। स्वतंत्रता सेनानियों का त्याग, उनके कठोर संघर्ष को हमें कभी नहीं भूलना चाहिए। हमारी आजादी के लिए उन्होने बहुत सी परेशानियों को सहा है।

यह वह दिन है जब हमारा देश विश्व मानचित्र पे एक गणतांत्रिक देश के रुप में स्थापित हुआ था। इसके साथ ही यह वह दिन भी है जब भारत अपने सामरिक शक्ति का प्रदर्शन करता है, जो किसी को आतंकित करने के लिए नही अपितु इस बात का संदेश देने के लिए होता है कि हम अपनी रक्षा करने में सक्षम हैं। 26 जनवरी हमारे देश के लिए एक ऐतहासिक पर्व है इसलिए हमें पूरे जोश तथा सम्मान के साथ इस पर्व को मनाना चाहिए।

 

सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा,

हम बुलबुले हैं इसके ये गुलसिता हमारा।।



                                            जय हिन्द

                                     जय भारत

                              भारत माता की जय

                                    वन्दे मातरम्

                                     🌼🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🌼





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